
जोशीमठ में भूधंसाव के कारण और संभावित समाधान का अध्ययन करने वाली वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट जोशीमठ का सुरक्षा कवच बनाने में अहम भूमिका अदा कर रही है। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, आठ संस्थानों ने जोशीमठ का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट दी थी।
रिपोर्ट के आधार पर यहां भूकटाव, जल संरक्षण आदि कामों का खाका तैयार किया जा रहा है। डीपीआर बनाने का काम अंतिम दौर में है। साथ ही कोर्ट के आदेश पर विभाग ने उक्त रिपोर्ट आमजन के लिए भी उपलब्ध करा दी है।
रिपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी हैं। हालांकि ये सभी रिपोर्ट कई माह पहले ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी जा चुकी हैं। सभी संस्थानों ने जांच में पाया कि जोशीमठ क्षेत्र भूस्खलन के मलबे पर बसा संवेदनशील क्षेत्र है।
यहां के जल स्रोतों के स्वरूप में परिवर्तन और भारी निर्माण कार्य भी भूधंसाव की वजह बने हैं। वैज्ञानिकों ने सरकार को जोशीमठ में हो रहे बदलावों को रोकने और सुरक्षा के लिए अहम सुझाव भी दिए हैं।