देहरादून में तमसा नदी का रौद्र रूप, टपकेश्वर मंदिर को पहुंचा नुकसान, गुफा में घुसा मलबा, महंतों ने भागकर बचाई जान

उत्तराखंड में सोमवार रात से जारी तमाम हिस्सों में भारी बारिश के कारण जगह-जगह तबाही के मंजर देखे जा रहे हैं. राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा, मालदेवता, टपकेश्वर महादेव मंदिर समेत तमाम स्थानों पर स्थितियां काफी अधिक गंभीर हो गई है. सहस्त्रधारा और मालदेवता में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. तमाम मकान जमींदोज हो गए हैं. वहीं, टपकेश्वर महादेव मंदिर की तस्वीर भी इस आफत की बारिश की वजह से बदल गई है.

राजधानी देहरादून के गढ़ीकैंट क्षेत्र में स्थित 6000 साल पुराना प्राचीन टपकेश्वर महादेव मंदिर की तस्वीर बदल गई है. प्रदेश के हिमालय क्षेत्र पर हुई भारी बारिश और मालदेवता क्षेत्र में बादल फटने की घटना होने के बाद टपकेश्वर महादेव मंदिर के समीप से बह रही तमसा नदी पूरे उफान पर आ गई. तमसा नदी का जलस्तर लगभग 30 फीट ऊंचाई तक देखा गया. पहली बार ऐसा हुआ है, जब तमसा नदी पहाड़ से आए मलबे के साथ टपकेश्वर महादेव मंदिर की गुफा में भी चली गई. तपेश्वर महादेव मंदिर के चारों तरफ मौजूद अन्य मंदिर परिसर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. इसके साथ ही महादेव मंदिर के गुफा के अंदर का दृष्ट भी चौंकाने वाला हो गया.

टपकेश्वर महादेव मंदिर के अंदर मौजूद भगवान शंकर का शिवलिंग पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन चारों तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, हाल ही में टपकेश्वर महादेव प्रशासन की ओर से भगवान शंकर की एक पीतल की मूर्ति भी लगाई गई थी, जो इस आपदा में बह गई. तपेश्वर महादेव मंदिर के आसपास मौजूद मंदिर में जाने के लिए बना पुराना पुल पूरी तरह से जमींदोज हो गया.

Damage to Tapkeshwar temple

मंदिर के सेवक ने कहा कि सुबह 5 बजे के आसपास तमसा नदी का जलस्तर अपने सामान्य स्तर से लगभग 30 फीट ऊपर तक बहने लगा. बहाव इतना तेज था कि आसपास मौजूद सभी निर्माण को उसने तोड़ दिया. इसी तेज बहाव की वजह से गुफा के अंदर भी न सिर्फ पानी घुस गया बल्कि मलबा भी पूरा भर गया है. टपकेश्वर महादेव मंदिर की गुफा में जिस रास्ते से श्रद्धालु जाते हैं, उस रास्ते पर पूरा मलबा जमा हो गया है.

टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत दिगंबर भरत गीरी महाराज ने बताया कि सोमवार देर रात से ही भारी बारिश हो रही थी. जिसके चलते तमसा नदी अपने पूरे उफान पर बह रही थी, लेकिन रात बीत जाने के बाद सुबह तमसा नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया और उसका बहाव भी काफी अधिक तेज हो गया. जिसके चलते नदी के आसपास बने मंदिर को काफी अधिक क्षति हुई है. साथ ही टपकेश्वर महादेव मंदिर के गुफा में भी पूरा मलबा घुस गया है.

सुबह 5 के आसपास जब तमसा नदी का बहाव काफी तेज हुआ और गुफा में पानी आने लगा तो वो और उनके साथ वहां मौजूद अन्य महंत भी मंदिर के पीछे से पहाड़ी चढ़कर बाहर निकले. महंत ने कहा कि पहली बार देहरादून के इतिहास में तमसा नदी का इतना रौद्र रूप देखने को मिला है. क्योंकि पहली बार ही टपकेश्वर महादेव मंदिर के गुफा में मलबा घुसा है. इस मलबे ने मंदिर के अंदर पूरी तरह से तबाही मचा दी है. हालांकि, भगवान शंकर के शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वह पूरी तरह से सुरक्षित है. लेकिन चारों तरफ का नजारा काफी अधिक चौंकाने वाला है.

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