
उत्तराखंड के तमाम हिस्सों में बीती रात से हुई भारी बारिश के कारण तमाम क्षेत्रों में आपदा की स्थिति बन गई है. राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा, मालदेवता, टपकेश्वर मंदिर समेत तमाम स्थानों पर भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश से प्रभावित देहरादून जिले के मालदेवता और केसरवाला का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन पर सीएम धामी से उत्तराखंड में भारी बारिश से बनी स्थिति की जानकारी ली. साथ ही हर मदद का आश्वासन दिया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य में राहत कार्य और तेजी से संचालित होंगे. मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तत्परता से सक्रिय है और बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं. देहरादून जिले के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा न हो और राहत सामग्री, सुरक्षित ठहराव, भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं.
सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है. प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय है. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की गति तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए और स्थानीय नागरिकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. सीएम धामी ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों, पुलों एवं सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे आमजन के जीवन पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है. उन्होंने निर्देश दिए कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र चालू किया जाए, सुरक्षित पेयजल व बिजली की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए.
शासन और प्रशासन की टीम निरंतर फील्ड में सक्रिय है और सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए आपदा से निपटने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सीएम धामी ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र और विभिन्न जिलों की परिस्थितियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और सभी जिलाधिकारियों के साथ नियमित संपर्क बनाए हुए हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक नागरिक की समस्याओं को तात्कालिक प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए.