
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का तीन दशक से अधिक पुराना सशस्त्र संघर्ष खत्म हो गया है। पीएम मोदी ने केंद्र और असम सरकार द्वारा उल्फा के साथ हस्ताक्षरित शांति समझौते की सराहना करते हुए कहा कि इस समझौते से राज्य में स्थायी प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि आज का दिन असम की शांति और विकास की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
एक साथ मिलकर बढ़ रहे आगेः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस शांति समझौते में शामिल सभी लोगों के प्रयासों की मैं सराहना करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि हम एक साथ मिलकर सभी के लिए विकास और समृद्धि के भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हुआ हस्ताक्षर
मालूम हो कि गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में उल्फा (अरबिंद राजखोवा गुट) के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया। इसके साथ ही असम स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ गया है। अमित शाह ने इसे असम के भविष्य के लिए सुनहरा दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि उल्फा से शांति समझौते के बाद कुल 8200 सशस्त्र कैडर का हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटना असम में शांति के लिए बड़ी बात है।
उल्फा के साथ संघर्ष में गई है 10 हजार से अधिक लोगों की जान
गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक, अकेले उल्फा के साथ संघर्ष में 10 हजार से अधिक लोगों की जान गई है, जिनमें सुरक्षा बलों के जवान भी शामिल हैं। शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोत्तर भारत और दिल्ली के बीच दूरी कम करने के प्रयासों ने पूरे क्षेत्र में शांति और विकास का नया मार्ग प्रशस्त किया है।
अमित शाह ने उल्फा नेताओं को समझौते की शर्तों को 100 प्रतिशत लागू करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि पूरे समझौते को लागू किए जाने की केंद्रीय स्तर पर मानिटरिंग की जाएगी और इसके लिए विशेष कमेटी बनाई जाएगी।