रुद्रप्रयाग-चमोली में खौफनाक तबाही, बादल फटने से टूटा कहर, 5 की मौत, 11 लापता

 उत्तराखंड में भारी वर्षा और भूस्खलन से भारी नुकसान पहुंचा है। चमोली, रुद्रप्रयाग, नई टिहरी और बागेश्वर में गुरुवार रात अतिवृष्टि से भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लापता हैं। बागेश्वर के पोसारी गांव में भूस्खलन से एक भवन ध्वस्त होने से पांच लोगों की मौत की सूचना है।

चमोली जिले के देवाल मोपाटा गांव में अतिवृष्टि से एक आवासीय भवन भूस्खलन की चपेट में आने से दंपती की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग के बड़ेथ डुंगर तोक में भूस्खलन के बाद एक महिला की जान चली गई, जबकि आठ लोग अभी लापता हैं। इनमें नेपाल के चार श्रमिक भी शामिल हैं। प्रदेश में नदी नाले उफान पर हैं। पौड़ी के श्रीनगर में अलकनंदा नदी का पानी बदरीनाथ हाईवे तक पहुंच गया है। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध हैं।

हल्द्वानी में हल्द्वानी-भीमताल हाईवे रानीबाग के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है। देहरादून में दूधली के खट्टा पानी क्षेत्र में सुसवा नदी मे सात वर्षीय बालक का शव मिला है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन राहत-बचाव में जुटा है। हरिद्वार में मूसलधार वर्षा ने शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

खटीमा: आकाशीय बिजली गिरने से कंजाबाग गांव में एक महिला की मौत हो गई। महिला शुक्रवार की सुबह अपने नल से पानी भरने गई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया है।

प्रतिकूल मौसम को देखते हुए पांच जिलों के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने आवास पर बैठक कर राहत व पुनर्वास कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।

छेनागाड़ नामक क्षेत्र में नुकसान की सूचना है। जहां पर 04 स्थानीय व 04 नेपालियों के मलबे में दबने की संभावना है। वहां करीब 7-8 जगहों पर रास्ता टूटने के कारण रेस्क्यू टीमों के पहुंचने में देरी हुई। रेस्क्यू टीमें पहुंचने के बाद राहत बचाव कार्य जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *