
महाकुंभ मेले (Mahakumbh 2025) में सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से फेमस मॉडल हर्षा रिछारिया(Harsha Richaria) एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। दरअसल महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर बैठकर मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ आई थी।
इसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इसी को लेकर संत समाज नाराज है। काली सेना के प्रमुख शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाने से बचना चाहिए।
काली सेना के प्रमुख शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई. मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है।”
आगे उन्होंने कहा कि ‘ये अच्छी बात नहीं है जिस हिसाब से एक आचार्य महामंडलेश्वर एक मॉडल को अपने रथ पर बैठाकर अमृत स्नान के लिए गए। ये समाज को गलत संदेश दे रहा है। संतों के ऊपर से धीरे-धीरे लोगों की आस्था कम हो रही है। श्रद्धालु इस संगम में आए और सन्नान कर अपने घर चले गए। साधु-संत की धार्मिक भावनाए आहत ना करें।’
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “ये मुद्दा पिछले दो तीन दिन से चर्चा में है. वास्तव में वो (रिछारिया) उत्तराखंड से हैं और वह हमारे अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा लेने आई थीं। वो मॉडल हैं और सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने रामनामी वस्त्र पहने थे।”
आगे उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा है कि जब सनातन का कोई आयोजन होता है, हमारे युवा भगवा पहनते हैं. यह कोई अपराध नहीं है. हमारे यहां परंपरा है कि कोई एक दिन, पांच दिन, सात दिन के लिए साधू होता है. इस युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा ली थी. वह सन्यासिन नहीं बनी है और उसने भी कहा है कि वह सन्यासिन नहीं है और केवल मंत्र दीक्षा ली है. वह रथ पर बैठी थीं और लोगों ने उसे निशाना बनाना शुरू कर दिया।