सिस्टम से नाराज मतदाताओं ने बनाई दूरी, चार संसदीय सीटों में ग्रामीणों ने नहीं किया मतदान

लोकसभा चुनाव में इस बार हरिद्वार को छोड़ शेष सभी लोकसभा सीटों पर कोई न कोई क्षेत्र ऐसा रहा, जहां सिस्टम से नाराज मतदाताओं ने मतदान केंद्रों से दूरी बनाई रखी।यह स्थिति तब रही, जब मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने नाराज ग्रामीणों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए विशेष रूप से प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया था। कुछ क्षेत्रों में अधिकारी मतदाताओं को समझाने में जरूर कामयाब रहे। मतदाताओं की नाराजगी का मुख्य कारण गांवों तक सड़क का न पहुंचना रहा।

पहले ही चुनाव में हिस्सा न लेने का कर दिया था ऐलान

शुक्रवार को मतदान के दौरान ग्रामीणों की नाराजगी भी देखने को मिली। अल्मोड़ा संसदीय सीट के रानीखेत में सुनियाकोट गांव के मतदाता मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे। गांव को सड़क सुविधा न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने पहले ही चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया था।

बागेश्वर जिले के मटियोली गांव में में रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा मतदान के दिन भी जारी रहा। यहां भी मतदाता मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विस क्षेत्र के अंतर्गत साईपोलू बूथ के ग्रामीणों ने भी सड़क सुविधा की मांग पूरी न होने पर मतदान से दूरी बनाए रखी।

गढ़वाल संसदीय सीट पर रुद्रप्रयाग जिले के इशाला गांव के ग्रामीण भी मतदान से दूर रहे। पौड़ी जिले के पोखड़ा प्रखंड के ग्राम ड्वीला के ग्रामीणों ने भी सड़क की मांग को लेकर चुनाव से दूरी बनाई। यहां के मतदान केंद्र पर पर मात्र एक मत पड़ा।

660 में से केवल 78 ग्रामीण मतदान को गए

विकासखंड एकेश्वर में भी नगरोली, घटगड़, बग्याली, नावा व किमोला के पांच गांव के के ग्रामीणों ने भी मतदान से दूरी बनाने का निर्णय लिया था। यहां 660 में से केवल 78 ग्रामीण मतदान को गए। पौड़ी जिले के रिखणीखाल के ग्राम बनगढ़ के ग्रामीणों ने भी चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया था। यद्यपि प्रशासन के मनाने के बाद ग्रामीणों ने अपने मत का प्रयोग किया।

चमोली जिले के गंणाई, पाणा, ईराणी, संकड़, पंडाव, देवराड़ा, पिनाऊ में भी ग्रामीणों ने मतदान से दूरी बनाए रखे। सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र डुमक में भी सड़क न बनने से मतदाता नाराज थे। यद्यपि इन्हें मना लिया गया। यमकेश्वर ब्लाक की ग्राम सभा गंगा भोगपुर के ग्रामीण भी मतदान से दूर रहे। इनकी नाराजगी सड़क व बुनियादी सुविधा न होना रहा। बहाल करना रही।

टिहरी गढ़वाल सीट में चकराता के मिंडाल, बनियाना, खनाड़, मंझगांव, जोगिया व थणता के ग्रामीणों ने भी बदहाल सड़क पर नाराजगी जताते हुए मतदान से दूरी बनाए रखी। देहरादून के क्यारा गांव में भी सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण मतदान से दूर रहे। मसूरी के कफलानी में भी मतदाता मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *