
प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद होने के बाद अब ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी बढ़ चुकी है। पुलिस व प्रशासन ने इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की हैं। एमबीपीजी कालेज के स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम की सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री, पीएसी व पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
चुनाव को संपन्न कराने में सिपाही से लेकर दारोगा समेत सभी जवानों का योगदान रहा। पैरामिलिट्री फोर्स भी मुस्तैद रही। ईवीएम की सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री फोर्स व पुलिस तैनात रहेगी। दो लेयर में सुरक्षा घेरा है। शनिवार को ही स्ट्रांग रूम को सील किया जाएगा, क्योंकि कुछ दूरस्थ क्षेत्र की पोलिंग पार्टियां देर रात तक पहुंचेंगी।
किसी ने आधे में बस्ता छोड़ा, कोई आया ही नहीं हाल
मतदान के दिन बूथों के बाहर राजनैतिक दलों के बस्ते (काउंटर) को लेकर अब पुरानी स्थिति नहीं रही। वोटिंग से पूर्व दल या उम्मीदवार भले कितनी रणनीति बनाते हो लेकिन मतदान वाले दिन इन बस्तों की काफी अहमियत रहती है। बूथ के अंदर मतदान की स्थिति से लेकर किसने वोट डाला-किसने नहीं, इन सबका आकलन यहां से होता है।
मगर शुक्रवार को हाल यह था कि किसी ने अपने बस्ते को आधे में ही छोड़ दिया तो किसी उम्मीदवार के पास काउंटर पर बैठने के लिए लोग तक नहीं थे। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट से भाजपा, कांग्रेस, बसपा और यूकेडी समेत 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। मगर बूथों के अंदर से लेकर बाहर तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रहा था।
चुनावी रण में उतरे कई नेताओं का हाल तो यह था कि इनके पास बाहर काउंटर पर बैठाने तक के लिए लोग नहीं थे। दूसरी तरफ मुख्य दलों के काउंटरों पर पहले जैसी स्थिति नजर नहीं आ रही थी। दोपहर में धूप तेज होने पर कई जगहों पर तो कार्यकर्ताओं ने काउंटर ही समेट लिए। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे जो पेड़ की छांव के नीचे मतदाता सूची पकड़कर खड़े हो गए।
पहली बार बनभूलपुरा में सपा के बस्ते गायब
बनभूलपुरा समेत अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में हर चुनाव में सपा के काउंटर सजते थे। मगर इस बार सपा के बस्ते गायब थे। क्योंकि, सपा ने इस सीट पर उम्मीदवार ही नहीं उतारा था। यह पार्टी आइएनडीआइए गठबंधन का हिस्सा है।