उत्तराखंड के गांवों के विकास में बच्चों-महिलाओं की होगी भागीदारी, सभा के आयोजन, स्वास्थ्य-रोजगार सृजन का प्लान

उत्तराखंड में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने में अब गांव की महिलाओं और बच्चों की भी भागीदारी होगी। इसके लिए प्रथम चरण में पांच जिलों चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत और देहरादून के चुने हुए गांवों में 100 महिला एवं बाल सभाओं का आयोजन किया जाएगा।

इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ओर से पंचायती राज विभाग को योजना को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत ग्रामीण स्तर पर महिला और बाल सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन सभाओं में महिलाओं और किशोर-किशोरियों की समस्याओं, सुरक्षा संबंधी चिंताओं, सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा के अलावा स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, महिलाओं के कानूनी अधिकार और आजीविका विस्तार जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

इन सभाओं में निकले सुझावों को प्राथमिकता के आधार पर आगामी वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा। ताकि एक समग्र ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार की जा सके। इस सभाओं को कराने में होने वाला खर्च ग्राम निधि एवं केंद्रीय वित्त आयोग की कंटिंजेंसी मद से किया जाएगा। सभाओं में ग्राम्य विकास, शिक्षा, पेयजल, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, पंचायतीराज, सहकारिता, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, गृह, राजस्व आदि लाइन विभागों के अधिकारी आवश्यक रूप से उपस्थित रहेंगे।

ग्राम प्रधान होंगे सभा मंडल के अध्यक्ष

ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में गठित सभा मंडल में नामित पदाधिकारियों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, दो से चार नामित ग्राम पंचायत सदस्य और गांव में स्थित विद्यालय की प्रधानाध्यापिका या शिक्षिका आदि को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।

इसलिए पड़ी इसकी जरूरत

बीते कुछ वर्षों में देखने में आया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैयार होने वाली जीपीडीपी में आमतौर पर वही परंपरागत समस्याओं को उठाया जाता रहा है। ऐसे में खासतौर पर महिलाओं और किशोर-किशोरियों के मुद्दे इसमें गौण हो जाते हैं। अब पहली बार जीपीडीपी में इनके मुद्दों को भी प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।इस संबंध में शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं। पंचायतों का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। इसलिए महिला एवं बाल सभाओं का आयोजन 15 नवंबर से पहले किया जाना है। इन सभाओं से प्राप्त सुझावों को ग्राम पंचायत विकास योजना में शामिल किया जाएगा।

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