
पहले गंगोत्री घाटी के हर्षिल में झील बनने से भागीरथी नदी का प्रवाह रुक गया था. अब यमुना घाटी के स्यानाचट्टी में भी गढ़गाड़ में मलबा आने से यमुना नदी में झील बन गई है. जिससे यमुना का प्रवाह रुक गया है. हालांकि, पानी धीरे-धीरे निकल भी रहा है, लेकिन यमुना नदी में झील बनने से स्यानाचट्टी कस्बे का ज्यादातर हिस्सा जलमग्न हो गया है. अगर आसमान यानी ड्रोन शॉट से देखें तो मकान, दुकानें, होटल के साथ ही स्कूल पानी में लबालब नजर आ रहा है. इतना ही नहीं यमुनोत्री हाईवे को जोड़ने वाला मोटर पुल भी डूब चुका है.
यमुना घाटी के स्यानाचट्टी में बनी कृत्रिम झील को खोलने का प्रयास लगातार जारी है. झील के एक हिस्से को खोलने के लिए लोनिवि, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग समेत अन्य एजेंसियां जुटी हुई हैं. खुद उत्तरकाशी जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल मौके पर मौजूद हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य, राजस्व, खाद्य आपूर्ति विभाग की टीमें भी ग्राउंड जीरो पर मुस्तैद है. पूरे इलाके की ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है.
बता दें कि स्यानाचट्टी में पहले से ही गढ़गाड़ से मलबा यमुना नदी में आ रहा था. जिससे झील निर्मित हो रही थी. जिससे धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ रहा था, लेकिन बीती रोज यानी 21 अगस्त को अचनाक से गढ़गाड़ में ज्यादा मलबा और बोल्डर आ गए. जिससे यमुना नदी का प्रवाह रुक गया और अस्थायी झील बन गई. ऐसे में झील के कारण क्षेत्र में संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्यानाचट्टी के आसपास के घरों और होटलों को खाली करा लिया गया.
झील के जलस्तर में आई करीब 2 फीट तक की कमी: इसके साथ ही जलस्तर बढ़ते ही एहतियातन स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे पानी में मकान, दुकानें, होटल, स्कूल डूबते चले गए. इस वक्त स्थानीय लोगों ने सुरक्षित जगह पर शरण ली है. रातभर उनकी चिंता बढ़ती रही. अब तमाम टीमें झील को पंचर करने के काम में जुट गई है. पिछले एक घंटे में झील के जलस्तर में करीब 2 फीट तक कमी आई है. ड्रोन शॉट में स्यानाचट्टी का काफी हिस्सा पानी भरा नजर रहा है.