
वॉइस ऑफ एनिमल्स से जुड़े लोगों ने आज पंजा आंदोलन के तहत कुत्तों को सड़कों से हटाने के निर्णय के विरोध में मार्च निकाला. सुबह सभी पशु प्रेमी बिंदाल पुल पर एकत्रित हुए. उसके बाद भारी बारिश के बीच पैदल मार्च निकालते हुए गांधी पार्क के गेट पर पहुंचे. जहां सभी पशु प्रेमियों ने दिल्ली में कुत्तों को सड़कों से हटाये जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
पंजा आंदोलन में शामिल हुई पशु प्रेमी पूजा बहुखंडी ने कहा आज पंजा आंदोलन के नेतृत्व में पशु प्रेमियों ने बिंदाल पुल से मार्च निकाला है. उन्होंने कहा यह मार्च दिल्ली के कुत्तों को सड़कों से हटाये जाने के निर्णय के विरोध में किया गया. पूजा ने बताया कि प्रत्येक रेजिडेंशियल एरिया में स्ट्रीट डॉग को खाने पीने, अन्य उपचारों के अलावा एबीसी वैक्सीन जैसी व्यवस्था होनी चाहिए. स्कूलों समेत अन्य क्षेत्रों में एक अलग से कार्यशाला जरूर होनी चाहिए. इसके साथ ही जानवरों को हर शहर में निशुल्क उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे उनकी सहायता करने वालों को भी सोचना नहीं पड़े.
पशु प्रेमी आकांक्षा ने कहा एमसीडी कुत्तों को वैक्सीनेट और स्टेरलाइज करने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. पशु प्रेमियों को कहना है कि डॉग हमेशा मानव को प्रोटेक्ट करता आया है, लेकिन उनके लिए म्युनिसिपेलिटी की तरफ से शेल्टर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार की तरफ से एंटी रेबीज ड्राइव भी नहीं शुरू की गई. जिसका नतीजा है कि आज ऐसी भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है.
पशु प्रेमियों का कहना है कि अगर इन्हें किसी दूसरे स्थान में रखा जाएगा तो यह सभी आपस में ही लड़के एक दूसरे को चोट पहुंचाएंगे. देहरादून में भी यदि कोई ऐसा स्थान हो तो वहां काम से कम इनके लिए 10 शेल्टर होम जरूर होने चाहिए.
बता दें देहरादून में निकाले गये इस मार्च में करीब 400 से 500 लोगों ने भाग लिया. भारी बारिश के बीच पशु प्रेमियों मार्च निकालते हुए सरकार से मांग उठाई है कि कुत्तों को सड़कों से न हटाया जाए बल्कि उन्हें खाने-पीने इलाज के साथ एबीसी वैक्सीन जैसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये.
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया है. जिसके बाद देशभर में डॉग लवर्स में काफी गुस्सा है. इतना ही नहीं इस मामले में पॉलिटिक्स भी जमकर हो रही है. मामले में राहुल गांधी, मेनका गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने बयान दिये हैं. इस मामले पर हर किसी के अपने अपने तर्क हैं.