राजपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिसकर्मी के बेटे ने राजपुर क्षेत्र में रात ड्यूटी पर तैनात चार पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है. एसएसपी और डीजीपी को शिकायत करने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं होने पर पीड़ित ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
पीड़ित ने आरोप लगाया है कि वो अपनी कार से घर की तरफ जा रहा था, इसी दौरान चार पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की और हवालात में डाल दिया. दरअसल, राजपुर निवासी एक युवक ने शिकायत दर्ज कराई है कि बीती 6 अगस्त की रात करीब 11:30 बजे वो थार वाहन से मसूरी डाइवर्जन रोड से गुजर रहा था. कार में उसके साथ दो अन्य दोस्त भी बैठे थे.
आरोप है कि मसूरी डाइवर्जन रोड स्थित चेक पोस्ट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कार रुकवाई और पूछताछ की. पुलिस ने पूछा कि क्या आपने शराब पी रखी है तो पीड़ित ने कहा कि उसके साथ बैठे दोनों लोगों ने बीयर पी है और वो आइसक्रीम खाने निकले थे, अब वो घर लौट रहे हैं. आरोप है कि पुलिसकर्मी ने एल्कोमीटर से परीक्षण करने का प्रयास किया, लेकिन एल्कोमीटर काम नहीं कर रहा था.
युवक का आरोप है कि पुलिसकर्मी ने खुद ही मैनुअली रिपोर्ट बनाते हुए चालान की पर्ची थमा दी, जो गलत थी. पीड़ित ने जब उसने गलत चालान पर्ची काटने पर आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों ने केस दर्ज करने की धमकी दी. उस समय वहां 6-7 पुलिसकर्मी मौजूद थे. वो डर के कारण कैनाल रोड की ओर भागा, लेकिन भागते हुए फिसल कर गिर पड़ा.
आरोप है कि तब पुलिसकर्मियों ने उसे जमीन पर लिटाकर बुरी तरह लात-घूसों, बंदूक के बट और डंडों से पीटा. जिससे उसके शरीर पर काफी चोटें आईं. इसी दौरान दोस्त उसे बचाने आया तो पुलिसकर्मियों ने उसे भी पीटा. तब दोस्त अपनी जान बचाने के लिए भागकर गली में छुप गया और उसने फोन करके उसके पिता को सूचना दी.
आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मी उसे थाने ले गए और लॉकअप में डाल दिया. उसके बाद देर रात करीब एक बजे उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्य राजपुर थाने पहुंचे और उसकी लॉकअप की वीडियो बनाई. साथ ही उसके शरीर पर आई चोटों के फोटोग्राफ मोबाइल फोन से लिए गए. 7 अगस्त को उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया.
पीड़ित के मुताबिक, उसके माता और पिता दोनों पुलिस विभाग में कार्यरत हैं. ऐसे में वो एसएसपी से मिले. एसएसपी ने इस मामले की जांच एसपी सिटी को सौंप दी. एसपी सिटी ने 8 अगस्त को रात ड्यूटी पर तैनात राजपुर थाने के पुलिसकर्मियों को भी बयान के लिए बुलाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की.
पीड़ित का आरोप है कि बीती 11 अगस्त को डीजीपी और एसएसपी को एक प्रार्थना पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिया गया, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगाई. जिस पर अब कोर्ट के आदेश पर चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.