डीजीपी दीपम सेठ अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और उत्तराखण्ड पुलिस को साइबर क्राईम के क्षेत्र में और अधिक सुदृढ़ व तकनीकी रुप से सशक्त करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए।
डीजीपी ने साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून के कार्यों और जनशक्ति की समीक्षा करते हुए साइबर क्राईम की शिकायतों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने और वर्कआउट प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखण्ड पुलिस को साइबर क्राईम के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए विचार विर्मश करते हुए दिशा -निर्देश दिए है।
धिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
- 1. साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बैंकिंग सैक्टर की भूमिका निर्धारित करते हुये सभी नोडल अधिकारियों को इस सम्बन्ध में एसओपी जारी करने हेतु निर्देशित किया गया।
- 2. साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए राज्य स्तर पर एक स्टेट साइबर क्राईम हेडक्वार्टर (S4C) व साईबर सेंटर ऑफ एक्सलेंस स्थापित किए जाने के लिए शासन से पत्राचार करने के लिए निर्देशित किया गया। जिससे राज्य में साइबर पुलिस बल को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से और अधिक कुशल बनाया जा सके।
- 3. साइबर अपराधों अंकुश लगाए जाने हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर एक साइबर थाना खोले जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे जाने और साइबर थाना कुमांऊ और गढ़वाल परिक्षेत्र की जन शक्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
- 4. चण्डीगढ़ पुलिस द्वारा 1930 हेल्पलाइन के क्रियान्वयन एवं साईबर क्राइम पर की जा रही कार्रवाई का अध्ययन करने हेतु एक टीम को चण्डीगढ़ भेजे जाने के लिए निर्देशित किया गया।
- 5. साईबर क्राइम से बचाव हेतु जनजागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है, इस पर विशेष ध्यान देते हुए आमजन को साईबर क्राइम एवं उसके Modus Operandi के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए।
- 6. साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक पुलिस बल को साइबर सम्बन्धी प्रशिक्षण दिये जाने तथा प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित साइबर सैल कर्मियों को साइबर सैल और साइबर थाने पर नियुक्त किये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया ।